2022 लेखा जोखा


 

जनवरी गुजर गया और फरवरी का दूसरा हफ्ता भी गुजरने वाला है और मैं सोचता ही रह गया। 


आजकल मेरे साथ ऐसा होता जा रहा है। जब बात ब्लॉग की आती है तो सोचता ज्यादा हूँ होता कम ही है। पिछले काफी समय से दुईबात पर आना नहीं हो पा रहा है। व्यस्तताएँ इतनी बढ़ गई हैं और फिर सच पूछिए तो विषय भी मिलने बंद से हो गए हैं। पहले तो लिखूँ क्या यही सोचता रह जाता हूँ। फिर भूले भटके कोई विषय सूझता भी है तो  सोचता हूँ कि उस पर लिखूँगा और कुछ पंक्तियाँ लिखता भी हूँ लेकिन फिर काम आ जाता है और चीजें छूटती चली जाती हैं। मसलन आज के विषय को ही ले लीजिए। जनवरी शुरू हुआ था तो सोचा था पिछले साल का ब्यौरा लिखूँगा लेकिन अब जाकर शुरुआत हो पायी है।


खैर देर आयद दुरुस्त आयाद। चलिए शुरू करते हैं।


दुई बात  की बातें

दुईबात की शुरुआत जब मैंने की थी तो इसे ऐसी जगह के रूप में सोचा था जिसमें किसी भी विषय के ऊपर लिखा जा सके। ऐसा मैं करता भी रहा हूँ। जो मन करता है उसके विषय में लिखता हूँ। इनमें किताबों की बातें होती हैं, पद्य होता है, यात्रा संस्मरण होता है, अनुवाद होते हैं, लेख होते हैं और कभी कभी कहानियाँ भी होती हैं। यानी जो करना चाहता हूँ वो करता हूँ। 


पोस्ट्स


2022 की बात करूँ तो मैंने इस एक वर्ष में  52 पोस्ट्स की। पोस्ट के प्रकार के विषय में बात करूँ तो इनमें 14 किताबी बातें  थीं, 25 लेख थे, 6 पद्य थे, 0 यात्रा संस्मरण थे, 1 अनुवाद और 0 कहानी थीं। 


यानी कुल मिलकार कहा जाए तो ब्लॉग पोस्ट्स इतनी नहीं हुई जितनी मैं चाहता था। कहानियाँ भी इतनी नहीं लिखी गईं और न अनुवाद ही इतने इधर प्रकाशित हुए। इक्का दुक्का जगह घुमक्कड़ी करने का मौका जरूर मिला लेकिन वो संस्मरण भी दर्ज नहीं ही हुए। 


क्यों नहीं हुए? कह नहीं सकता। होते तो अच्छा रहता। खैर, क्या कर सकते हैं। 


व्यक्तिगत जीवन की बातें

अगर व्यक्तिगत जीवन की बात करूँ तो 2022 मेरे लिए काफी कुछ लेकर आया था। संक्षेप में वह बातें कुछ यूँ थी:


श्वेतांश का आना

फरवरी 2022 में मेरे पुत्र श्वेतांश का जन्म हुआ। इससे मेरे जीवन का एक नया अध्याय शुरू हुआ। अब श्वेतांश एक साल का होने वाला है और इस एक साल में वह कई सुनहरी यादें मुझे दे गया है। मुझे पहले से और बेहतर बना गया है। 


पुस्तकों का प्रकाशन होना


2022 में मेरी कई रचनाओं का प्रकाशन भी हुआ। 


जनवरी 2022 (रहस्यमय खबरी) और दिसंबर 2022 (आर्सन प्लस)में तहीकात पत्रिका में मेरा एक-एक अनुवाद प्रकाशित हुआ।  तहकीकात नीलम जासूस कार्यालय द्वारा प्रकाशित पत्रिका है। ऐसे समय में जब पत्रिकाएँ बंद हो रही हों नीलम जासूस का यह कार्य सराहनीय है।

 

जनवरी में प्रकाशित रहस्यमय खबरी

दिसंबर में प्रकाशित आर्सन प्लस 


अप्रैल 2022 में मेरे द्वारा अनूदित पहला उपन्यास नेवर गो बैक प्रकाशित हुआ। नेवर गो बैक ली चाइल्ड की जैक रीचर शृंखला का 18वाँ उपन्यास है जिसका हिंदी अनुवाद सूरज पॉकेट बुक्स ने प्रकाशित किया है। अनुवाद को पाठकों का प्यार मिला और अभी भी मिल रहा है।

नेवर गो बैक

नेवर गो बैक की अपनी प्रति के साथ कुछ पाठक


जुलाई-अगस्त 2022 में मेरी दो कहानियाँ शोपीजन द्वारा प्रकाशित दो साझा संकलन में प्रकाशित हुई। मेरी कहानी डेडलाइन मनमोहन भाटिया द्वारा संपादित उफ्फ़... डर का मंज़र में प्रकाशित हुई और इशिता की सूझ बूझ ओम प्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' जी द्वारा संपादित कहानी संकलन बाल कथा सागर 2 में प्रकाशित हुई। 


दो संकलन जिनमें मेरी रचनाएँ प्रकाशित हुईं

2022 में लेखन की दुनिया के अतिरिक्त संपादन से भी जुड़ाव हुआ। सूरज पॉकेट बुक्स द्वारा प्रकाशित पुस्तकों चौसर (लेखक: जितेंद्रनाथ)और ड्रेगन फ्लाई (लेखक: शुभानंद)और साहित्य विमर्श प्रकाशन के अंग्रेजी इम्प्रिन्ट पैलेट द्वारा प्रकाशित Chedipe का संपादन का मौका मिला (अधिक जानकारी के लिए पढ़ें: अपडेट: जाता हुआ नवंबर और एक किताबी अपडेट)। इसके अतिरिक्त इस वर्ष आदित्य कुमार की दाग और डॉक्टर राकेश शुक्ल जी की समवाय का किंडल संस्करण बनाने का मौका भी मिला। यह अनुभव भी अपने आप में अनूठे थे और इन्होंने भी काफी कुछ सिखाया।  


2022 में मैंने कुछ और अनुवाद भी किए जो कि इस वर्ष प्रकाशित होंगे। एक तो प्रकाशित हो चुका है जिसके विषय में मैं जल्द ही अलग पोस्ट लिखकर बताऊँगा। 2023 में अनुवाद करे जाने का सिलसिला चालू है। उम्मीद है उन्हें भी आप कुछ इधर और कुछ को पुस्तकों के रूप में पढ़ पाएँगे।


बस इसी सब में 2022 चला गया है। 2023 आ गया है। 


2023 की योजनाएँ

2023 की योजनाएँ की बात करूँ तो इस वर्ष कोई योजना नहीं है। देखते हैं कैसे यह साल जाता है और क्या क्या अपने साथ लेकर आता है। हाँ, कोशिश रहेगी कि वर्ष 2022 के मुकाबले इधर ज्यादा सक्रिय रहूँ और विविध विषयों पर पोस्ट लिखूँ। बाकी जो होना है वो तो होना ही है। 


आपका 2022 कैसा गया? आपने 2023 में क्या करने की सोची है? मुझे जरूर बताइएगा। 

4 टिप्पणियाँ

आपकी टिपण्णियाँ मुझे और अच्छा लिखने के लिए प्रेरित करेंगी इसलिए हो सके तो पोस्ट के ऊपर अपने विचारों से मुझे जरूर अवगत करवाईयेगा।

  1. श्वेतांश के जन्म की बहुत बहुत बधाई । अनुवादक और संपादन के क्षेत्र में सक्रिय होने के लिए भी आपको शुभकामनाओं सहित बहुत बहुत बधाई ।

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  2. श्वेतांश को प्रथम जन्मदिवस की हार्दिक बधाई तथा आशीर्वाद। सुजाता जी को भी हार्दिक बधाई। आशा है, वे शीघ्र ही गायन में पुनः सक्रिय होंगी। आप सृजनधर्मी हैं इस तथ्य से 'दुई बात' के अवलोकन द्वारा हम भलीभांति परिचित हो चुके हैं। अपने द्वारा चयनित विविध कार्यक्षेत्रों में आप समान रूप से सफल हों, यह सदिच्छा मेरे मन में सदैव रहा करती है एवं रहेगी । 'नेवर गो बैक' को पाठकों द्वारा सराहा गया, यह अपेक्षित ही था क्योंकि आपने अनुवाद में मूल उपन्यास की आत्मा को यथावत् रखा है तथा इस सुदीर्घ उपन्यास का पारायण यदि धैर्य के साथ एक-एक दृश्य का आनंद लेते हुए किया जाए तो किसी मनोहारी यात्रा सरीखा अनुभव होता है। मैं आपके तथा आपके परिवार के उज्ज्वल भविष्य हेतु मंगलकामनएं प्रेषित करता हूँ।

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    उत्तर
    1. जी आभार, सर। सुजाता जी भी जल्द ही सक्रिय होंगी। मेहनत जारी है। नित नवीन कथानक हिंदी भाषा में लाने की कोशिश है। आभार।

      हटाएं

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