भगवान और शैतान- उत्पत्ति

 

Image by Christian Dorn from Pixabay

वैसे तो मैं नास्तिक हूँ लेकिन फिर जीवन में कुछ ऐसी बातें हो जाती हैं भगवान और शैतान के अस्तित्व पर विश्वास करने का मन करने लगता है।।


जैसे सर्दियों में मूँगफलियाँ तोड़ तोड़कर खाते हुए लगता है कि क्या आनन्ददायक चीज है। जरूर भगवान ने बनाई होगी।


लेकिन फिर जब खाते खाते रुकना मुश्किल हो जाता है  और एक बार में ढाई सौ ग्राम मूँगफली खाने के बाद जब पेट में अगले दिन मरोड़े उठने लगती हैं तो बस एक ही बात जहन से निकलती है :


"कमबख्त किसी शैतान ने ही बनाई है ये मूँगफली! तभी खाते हुए रुका नहीं जाता है। भगवान इतना निर्दयी नहीं हो सकता है।"


भगवान और शैतान हो न हो लेकिन वो पैदा कैसे होते हैं इसका पता तो लग ही जाता है।


©विकास नैनवाल 'अंजान'


नोट:  सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है और मूँगफली बाजार में आए एक आध महीने तो हो ही गए हैं। आज फेसबुक ने याद दिलाया कि 2019 में फेसबुक पर उपरोक्त टिप्पणी की थी। पोस्ट करने का मन्तव्य उस वक्त भी केवल हास्य पैदा करना था और आज भी वही है। सोचा इसे ब्लॉग पर साझा कर लेता हूँ। अगर आप इसमें हास्य से अतिरिक्त कुछ और देख रहे हैं तो आप वह आपकी जहनियत है। 

6 टिप्पणियाँ

आपकी टिपण्णियाँ मुझे और अच्छा लिखने के लिए प्रेरित करेंगी इसलिए हो सके तो पोस्ट के ऊपर अपने विचारों से मुझे जरूर अवगत करवाईयेगा।

  1. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (20-12-2021 ) को 'आग सेंकता सरजू दादा, दिन में छाया अँधियारा' (चर्चा अंक 4277 )' पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:30 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

    चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

    यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

    #रवीन्द्र_सिंह_यादव

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    1. चर्चाअंक में मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार।

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  2. बहुत खूब...
    बस हमें अपना ठीकरा दूसरों के सर फोड़ना है...है न..।😃😃😃

    जवाब देंहटाएं

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