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पौड़ी |
कोहरे से झाँकतीयह धूपदिलाती है याद मुझे तुम्हारीतुम भी तो आई हो जीवन में मेरेकुछ इसी तरहलेकर साथ अपनेखुशी, उम्मीद और सुकून
©विकास नैनवाल 'अंजान'
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पौड़ी |
कोहरे से झाँकतीयह धूपदिलाती है याद मुझे तुम्हारीतुम भी तो आई हो जीवन में मेरेकुछ इसी तरहलेकर साथ अपनेखुशी, उम्मीद और सुकून
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंजी आभार, मैम
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