मुख्यपृष्ठकविता हाइकु #1 byविकास नैनवाल 'अंजान' शुक्रवार, जुलाई 03, 2020 4 टिप्पणियाँ हाइकु 1) विरह गीतगुनगुनाती है वो,वर्षा ऋतु में 2) सर्द रात्रि में,है गर्म रजाई सी,माँ तेरी याद 3) एक शाम थीतुम थी, मैं था औरथी तन्हाई© विकास नैनवाल 'अंजान' Tags कविता मेरी रचनायें हाइकु शेयर करें
बेहतरीन हाइकु तीनों...अति सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंजी आभार,मैम...
हटाएंबहुत अच्छा है। हिन्दी में भी लिख सकते हैं, ऐसा ख़्याल नहीं आया। :)
जवाब देंहटाएंहिन्दी हाइकु काफी प्रचलित हैं। आपको लिखना चाहिए।
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