मुख्यपृष्ठकविता प्रेम byविकास नैनवाल 'अंजान' बुधवार, जुलाई 03, 2019 4 टिप्पणियाँ Image by Dariusz Sankowski from Pixabay प्रेम,होता है, फिर होता है, होता ही जाता है.. एक से दूसरे पर... फिर दूसरे से तीसरे पर होती आसक्ति, करती है से उसे हैरान,परेशान, वीरान © विकास नैनवाल 'अंजान' Tags कविता मेरी रचनायें शेयर करें
फिर ये प्रेम नही फ्लर्ट कहलाता है😂
जवाब देंहटाएंहम्म... लेकिन ये एक साथ नहीं हो रहा है.... एक के बाद एक हो रहा है...पहले वाला मर जाता है और दूसरे वाला जन्म लेता है.....
हटाएंबहुत खूब लिखा है आपने
जवाब देंहटाएंजी आभार,सर।
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