प्रेम

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प्रेम,
होता है,
फिर होता है,
होता ही जाता है..
एक से दूसरे पर...
फिर दूसरे से तीसरे पर होती आसक्ति,
करती है से उसे हैरान,परेशान, वीरान

© विकास नैनवाल 'अंजान'


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